मंगलवार, 6 जनवरी 2015

वक़्त के साथ में क्या - क्या बदल गया ।

वक़्त  के  साथ  में  क्या  -  क्या  बदल   गया ।
हम  वही  तुम  वही  बस   वक़्त   बदल  गया ।।
बेदर्द    इस   ज़माने   में    ज़िन्दा   वही   रहा ।
वक़्त    से   पहले    जो    भी    सँभल    गया ।।
ऐतबार   नहीं   मुझको   अब   रहा   किसी   पे ।
धोखा  दिया  उसने  जो ज़िन्दगी  बदल  गया ।।
कुछ  नहीं  है दुनियाँ में  बस वक़्त का है  खेल ।
हाथ कुछ नहीं आयेगा गर वक़्त निकल गया ।।
गुलशन में क्यों ढूंढ़ते  अब  कलियों की  रानी ।
जब  से  आयी   बहार   हर  फूल  खिल   गया ।।
क्यों  हो रहे उदास  तुम  इस तरह से  "सागर" ?
तुम्हें    तो   तुम्हारा    महबूब    मिल    गया ।।

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