शुक्रवार, 12 सितंबर 2014

हर रिश्ते का अहसास कराती है दोस्ती

हर रिश्ते का अहसास कराती है दोस्ती ।
मुसीबत में काम आती है दोस्ती ।।
आने से दोस्त के हसरत हो जाती है पूरी ।
खुशियों में चार चाँद लगाती है दोस्ती ।।
दुनियाँ से जब भी मैं हो जाता बेख़बर ।
हमको हमारी याद दिलाती है दोस्ती ।।
मुँह अपने मोड़ लेते तब दोस्त होता साथ ।
मुश्किल घड़ी में फ़र्ज़ निभाती है दोस्ती ।।
कुछ माँगो न खुदा से एक दोस्त माँग लो ।
खुशियों के जंगल में लाती है दोस्ती ।।
दोस्तों को छोड़ चले आये हम परदेश ।
यहाँ याद बहुत हमको आती है दोस्ती ।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें